महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना An ideal scheme for farmers -2023
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना -हमारे देश के साथ ही, महाराष्ट्र राज्य में भी आज भी खेती में सिंचाई की बड़ी मात्रा में बिजली के उपलब्ध होने पर निर्भर है, लेकिन इस राज्य के कई हिस्सों में आज भी प्रत्येक खेत तक बिजली का सप्लाई नहीं हुआ है, इसलिए अधिकांश किसान खेतों की सिंचाई के लिए खेतों में डीजल पर निर्भर हैं।।
पेट्रोल या जल से सिंचाई करना काफी महंगा साबित होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने 2021 में मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना शुरू की। महाराष्ट्र सरकार इस योजना द्वारा किसानों को बहुत कम लागत पर सौर पंप दे रही है।
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना में सरकार किसानों को पूरी लागत का 95% सब्सिडी देती है। इस योजना में लाभार्थी को केवल 5% खर्च करना होगा।
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महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना से किसानों को अब बिजली पर निर्भर नहीं रहना होगा। सिंचाई के लिए पेट्रोल और डीजल की लागत भी कम होगी। इससे भी पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र सौर कृषि पंप योजना को लागू किया है।
किसानों को पुराने डीजल पंपों की जगह नए सोलर पंप मिलेंगे। सिंचाई क्षेत्र में किसानों पर बिजली का बोझ भी कम हो जाएगा, साथ ही उनकी बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी भी कम हो जाएगी।
मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा का प्रारंभ
महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर कृषी पंप योजना 2023 के तहत किसानों को खेती की सिंचाई के लिए लगभग 100,000 सोलर पंप देने का लक्ष्य रखा है। वास्तव में, इस योजना की शुरुआत जनवरी 2019 से हुई थी, जब लाभार्थियों को मिलना शुरू हो गया था और फरवरी के पहले सप्ताह में सौर पंप लगाने का काम शुरू हो गया था।
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर कृषी पंप योजना प्राप्त करने के लिए किसान का योगदान
इस योजना के अंतर्गत
साधारण वर्ग के लिए 3 HP के लिए किसानों को कुल लागत का 10% यानी कि ₹25500 देना होगा जबकि
5HP के लिए लाभार्थी किसान को लागत का 10% ₹38500 देना होगा उसी तरह अनुसूचित
अनुसूचित जाति वर्ग के 3 HP ₹12750 और
5HP लिए ₹19250
अनुसूचित जनजाति के लिए
3 HP ₹12750 और
5HP लिए ₹19250
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर योजना का लाभ लेने की क्षमता—
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना का लाभ केवल महाराष्ट्र राज्य के स्थायी निवासी किसानों को मिल सकता है।
बिजली की आपूर्ति नहीं होने वाले किसान ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
जिन खेतों में कुआं या बोरवेल है, वे ही सौर पंप देंगे।
ऐसे गांव के किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे जहां वन विभाग से ना हरकत प्रमाणपत्र नहीं मिलने के कारण अभी तक विद्युतीकरण नहीं हुआ है।
जिन किसानों के आसपास जल स्त्रोत हैं, जैसे नदी, नाला या नहर, वे भी इस योजना से लाभ उठा सकते हैं।
हाँ, आपके द्वारा बताए गए सभी तथ्य सही हैं। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री सौर कृषि पंप योजना के पात्रता मानदंडों के अनुसार, इस योजना का लाभ केवल महाराष्ट्र राज्य के स्थायी निवासी किसानों को मिल सकता है। इन किसानों के पास बिजली की आपूर्ति नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, जिन खेतों में कुआं या बोरवेल है, उनमें ही सौर पंप लगाए जा सकते हैं। ऐसे गांव के किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे जहां वन विभाग से ना हरकत प्रमाणपत्र नहीं मिलने के कारण अभी तक विद्युतीकरण नहीं हुआ है। जिन किसानों के आसपास जल स्त्रोत हैं, जैसे नदी, नाला या नहर, वे भी इस योजना से लाभ उठा सकते हैं।
इन पात्रता मानदंडों के अलावा, किसानों को योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ अन्य शर्तों को भी पूरा करना होगा। उदाहरण के लिए, किसानों को अपनी कृषि भूमि के स्वामित्व का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। साथ ही, उन्हें यह घोषणा भी करनी होगी कि उनके खेतों में पहले से कोई विद्युत पंप नहीं है।
मध्य प्रदेश में भी इसी तरह की योजना है, जिसे मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना कहा जाता है। इस योजना के पात्रता मानदंड भी महाराष्ट्र की योजना के समान हैं।
इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को डीजल पंपों से मुक्त करना और उन्हें स्वच्छ और किफायती ऊर्जा प्रदान करना है। सौर पंपों का उपयोग करने से किसान अपनी सिंचाई लागत में कमी कर सकते हैं और पर्यावरण को भी बचा सकते हैं।