Saturday, February 22, 2025
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Donkey Farming- A Good Source Of Organic Milk-24

Donkey Farming

दूध, जिसे प्रकृति का अमृत भी कहा जाता है, सदियों से मनुष्य के लिए पोषण का मूल स्रोत रहा है। विभिन्न दूध देने वाले जानवर डेयरी उत्पादों की समृद्ध श्रृंखला में योगदान करते हैं, जो हमारी मेज की शोभा बढ़ाते हैं। यह परिचय दूध देने वाले जानवरों के चमत्कारों पर प्रकाश डालता है, जिसमें कम-ज्ञात लेकिन बहुत मूल्यवान गधी का दूध विशेष महत्वपूर्ण है।

गधी का दूध मानव के लिए अच्छा है क्योंकि यह प्रोटीन से भरपूर है और आइपोएलर्जेनिक है। यह संतृप्त वसा अम्ल है। गधी के दूध में गाय के दूध की तुलना में 9 गुना अधिक टॉरिन होता है। शिशुओं में विकास को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है।

Donkey Farming

आइए आज हम आपको एक सच्ची घटना से अवगत कराते हैं ।

Donkey Farming यह कहानी बहुत प्रेरणादायक है । इसे उत्कृष्ट प्रयास और उनकी संघर्षशीलता को आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक मिसाल माना जा सकता है। इस सीधे और संवेदनशील कदम से धीरेन ने अपने गांव को एक नए और सुगम दृष्टिकोण से देखने का आंदोलन किया है।

धीरेन सोलंकी गुजरात के पाटन जिले के छोटे से गांव मणुंद में सरकारी नौकरी की तलाश में थे। लेकिन जहां गए, मासिक वेतन इतना था कि परिवार केवल खर्चों को भर सकते थे। तब धीरेन को दक्षिण भारत से डंकी खेती की जानकारी मिली। बाद में वे विभिन्न खेतों में गए और विशेषज्ञों से मुलाकात की। फिर, लगभग आठ महीने पहले, गांव में 22 लाख रुपये की लागत से एक छोटी सी जगह खरीदकर 20 गधों की खेती की शुरुआत की।

गधी का दूध इतना महंगा क्यों है?

धीरेन ने फिर इंटरनेट पर खोजा कि गधी के दूध की मांग दक्षिण भारत में सबसे अधिक है। अच्छी कीमत भी मिल सकेगी। धीरेन ने कुछ दक्षिणी कंपनियों से संपर्क किया। बाद में दूध को कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में भेजना शुरू हुआ। आपको बता दें कि गधी के दूध में बहुत से लाभ हैं। इसके दूध की काफी मांग कॉस्मेटिक कंपनियों में है। इसलिए इसका दूध सबसे महंगा है। 1 लीटर का मूल्य 5000 से 7000 हजार रुपये के बीच है।

यही नहीं, दूध के पाउडर का विदेश में मूल्य 1 लाख से 1.25 लाख रुपये है। यह दूध निकालने के बाद फ्रिजर में रखा जाता है ताकि दूध खराब न हो। इसके बाद उसे अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाता है।

गधी का दूध बहुत पोषक है ।

गधी का दूध मानव दूध के लिए अच्छा है क्योंकि यह प्रोटीन से भरपूर है और आइपोएलर्जेनिक है। यह संतृप्त वसा अम्ल है। गधी के दूध में गाय के दूध की तुलना में 9 गुना अधिक टॉरिन होता है। शिशुओं में विकास को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। बाहरी स्रोतों से भी मिल सकता है। 19वीं सदी की शुरुआत में बीमार बच्चों को गधी का दूध दिया जाता था।

Donkey Farming

धीरेन अभी 42 डंकी से महीने में 2 से 3 लाख रुपये कमाई करता है। यही कारण है कि गधे को निकम्मा नहीं मानना चाहिए। आपको अपनी मंजिल मिलना तय है अगर इसका सही उपयोग किया जाएगा।

वे बताते हैं कि २०-३० एमएल दूध की कीमत पच्चीस से सौ रुपये है। गधी का   चीज़ दुनिया में सबसे महंगा है। दिन में एक गधी 200 से 250 एमएल दूध देती है।

गधा पालन दो क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हो सकता है: कृषि उत्पादन और मानव स्वास्थ्य। ये कुछ कारण गधा पालन को महत्वपूर्ण बनाते हैं:

खनिज मूल्य: गधा का दूध बहुमूल्य है और प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर है।
चिकित्सकीय गुण: गधा का दूध कई बीमारियों का उपचार कर सकता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकता है।
उत्पादन की कमी का समाधान: विभिन्न खासियतों के कारण गधा का दूध मांसाहारी और नाभिक लोगों की कमी को पूरा कर सकता है।


गधी का दूध कौन सी बीमारी में उपयोगी होता है?

खासतौर पर हड्डियों और दिल को मजबूत बनाते हैं। विभिन्न अध्ययनों ने बताया कि गधी के दूध में विटामिन ए, अनसेचुरेटेड फैटी एसिड और विटानिन होते हैं। यद्यपि गधी के दूथ का सेवन बहुत कम लोगों में होता है, ये भी इम्यूनिटी बढ़ाता है। इसका सबसे अधिक उपयोग सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है। गधी के दूध से एलर्जी की शिकायत नहीं होती है और इसमें लैक्टिक एसिड ज्यादा होता है, जिससे पेट में कोई दिक्कत नहीं होती

एक दिन में एक गधा कितना दूध देता है?

वे बताते हैं कि २०-३० एमएल दूध की कीमत पच्चीस से सौ रुपये है। गधी का दूध दुनिया में सबसे महंगा है। दिन में एक गधी 200 से 250 एमएल दूध देती है।

भारत में एक गधे का मूल्य क्या है?

मेले में कई तरह के गधे देखे जाते हैं, जैसे खोखले, दो दांत, चार दांत और अखंड जवान। गावठी और काठेवाड़ गधों की कीमत ३०,००० से ३५,००० रुपये है। वहीं साधारण ब्रीड गधे 7,000 रुपये से शुरू होते है

भारत में सबसे अधिक गधे की नस्ल क्या है?

गुणवत्तापूर्ण दूध के कारण ‘हलारी’ नस्ल की बहुत मांग है। पांच से सात साल के एक हलारी गधे की कीमत 1.50 लाख रुपये तक होती है। 28 गधों को पालते हुए हम हर दिन लगभग दो लीटर दूध देते हैं।

गधे की खाल से क्या बनता है?

पारंपरिक औषधियां, जो पूरी दुनिया में उपयोग की जाती हैं, गधे की खाल में मौजूद जिलेटिन से बनती हैं।इनमें स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक और एंटी एज‍िंंग गुण होते हैं. इसे बनाने के ल‍िए पहले गधे की खाल को उबाला जाता है. फ‍िर उससे पाउडर, गोल‍ियां या तरल दवाएं बनाई जाती हैं, जिसे लोग भोजन में मिलाकर खाते हैं.

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