Tuesday, February 4, 2025
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Govardhan Puja Kab Hai-गोवर्धन पूजा कब है -2023

Govardhan Puja Kab Hai-गोवर्धन पूजा कब है ?

Govardhan Puja Kab Hai-गोवर्धन पूजा कब है ?- कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि सोमवार को 13 नवंबर के दिन दोपहर 2:56 से तिथि की शुरुआत होगी और अगले दिन 14 नवंबर दोपहर 2:36 तक यह तिथि रहेगी ।

उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए गोवर्धन पूजा 14 नवंबर मंगलवार को मनाई जाएगी।

गोवर्धन पूजा का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को, जो दिवाली के ठीक अगले दिन आता है, को मनाया जाता है । गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है । गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत ,भगवान श्री कृष्णा और गौ माता उनके साथ बछड़े की पूजा की जाती है ।

 Govardhan Puja Kab Hai

गोवर्धन पूजा के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने देवताओं के राजा इंद्र के अहंकार को तोड़कर बृजवासियों की रक्षा की थी  ।

 Govardhan Puja-गोवर्धन पूजा- नक्षत्र-योग

गोवर्धन पूजा पर शोभन योग प्रात काल से लेकर दोपहर 1:57 तकबन रहे हैं। उसके बाद अतिगंड   योग शुरू हो जाएगा अतिगंड   योग को शुभ नहीं माना जाता है, जबकि शोभन योग को शुभ माना जाता है गोवर्धन पूजा के दिन सुबह से ही अनुराधा नक्षत्र रहेगा।

गोवर्धन पूजा का महत्व

गोवर्धन पूजा सर्वप्रथम भगवान श्री कृष्ण द्वारा आरंभ की गई थी । ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी तर्जनी अंगुली पर उठाकर इंद्रदेव के कोपसे बृजवासियों, पशु -पक्षियों की रक्षा की थी ।

यही कारण है कि गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण की पूजा भी की जाती है। इसी दिन अन्नकूट करने का भी अपना विशेष महत्व है । भक्तजन अपने घर पर नई ताजी सब्जियां अन्न फल फ्रूट इत्यादि का प्रसाद बनाकर अपने करीबियों को ग्रहण करने का निमंत्रण देते हैं।

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2023-गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त

इस बार 14 नंबर 2023 मंगलवार के दिन गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त है शुभ मुहूर्त का आरंभ सुबह 6:45 से लेकर 8:52 तक रहेगा।

 Govardhan Puja Kab Hai

गोवर्धन पूजा-पूजन सामग्री

  • श्री कृष्ण भगवान की मूर्ति अथवा एक तस्वीर *
  • गाय के गोबर से अथवा मिट्टी से बना हुआ गोवर्धन पर्वत का प्रतिमा
  • अन्नकूट जिसे की छप्पन भोग भी कहते हैं जिसमें मिठाइयां अलग-अलग तरह की अन्य सब्जियां फल फ्रूट इत्यादि रहते हैं
  • देसी घी के दीपक
  • अगरबत्तियां
  • कपूर
  • गंगाजल
  • पंचामृत
  • श्रीफल
  • पान के पत्ते
  • गंगाजल 
  • घंटी
 Govardhan Puja Kab Hai

गोवर्धन पूजा की विधि

गोवर्धन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर आदि से निवृत होकर शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज पर्वत की एक प्रतिमा बनाएं । साथ ही साथ अगर गाय और बछड़ा ना हो तो उनकी भी एक छोटी-छोटी प्रतिमाएं जरूर बनाएं ।

धूप दीप नैवेद्य आदि से विधिवत गोवर्धन पर्वत की, भगवान गिरिराज की पूजा करें। भगवान कृष्ण को दूध से, पंचामृत से स्नान कर उनका पूजन करें । इस दिन अन्नकूट करने का भी अपना एक विशेष महत्व है।

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