Friday, November 1, 2024
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E-Kisan Upaj Nidhi Yojana: बिना गारंटी लोन और गोदाम सुविधा 24

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भारत सरकार द्वारा शुरू की E-Kisan Upaj Nidhi Yojana किसानों को वित्तीय मदद और गोदाम सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाई गई है। इस योजना का मकसद देश के किसानों, खासकर मध्यवर्गीय किसानों, को आत्मनिर्भर बनाना है।

E-Kisan Upaj Nidhi Yojana

ई-किसान उपज निधि योजना का प्रमुख उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि उपज के लिए गोदाम और वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इससे किसान अपनी उपज को सुरक्षित रख सकते हैं और उसे सही समय पर सही मूल्य पर बेच सकते हैं। यह योजना खासकर उन किसानों के लिए फायदेमंद है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और जिनके पास भंडारण की सुविधाएं नहीं होतीं।


E-Kisan Upaj Nidhi Yojana के तहत किसानों को 7% की ब्याज़ दर पर लोन दिया जाता है। यह लोन किसानों को उनकी कृषि उपज के आधार पर दिया जाता है और इसके लिए किसी गारंटी की आवश्यकता नहीं होती है।

यह योजना किसानों को उनके भंडारित कृषि उत्पादों को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने और बाजार में सही समय पर बेचने का अवसर प्रदान करती है।


इस योजना के अंतर्गत किसानों को मुफ्त में गोदाम की सुविधा भी प्रदान की जाती है। इससे किसान अपनी उपज को सुरक्षित रख सकते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव से बचते हुए सही समय पर बेच सकते हैं।


लोन की अदायगी का समय उपज की शेल्फ लाइफ या ई-एनडब्ल्यूआर (इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसिप्ट) की वैधता की तारीख के अनुसार तय की जाती है। हालांकि, यह अवधि किसी भी स्थिति में 12 महीने से अधिक नहीं हो सकती है।

किसान अपनी फसल बेचने के बाद लोन को ब्याज़ सहित वापस कर सकते हैं।

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  1. किसान लोन चुकाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं।
  2. लोन रीफंड के लिए किसान अपने ई-एनडब्ल्यूआर को पोर्टल पर प्रस्तुत कर सकते हैं और उसके बाद उन्हें लोन की राशि वापस करनी होगी।

Subsidy on interest rate if Loan paid before the time period

E-Kisan Upaj Nidhi Yojana के अंतर्गत, यदि किसान निर्धारित अवधि से पहले लोन की अदायगी कर देता है, तो उसे ब्याज पर सब्सिडी का लाभ मिल सकता है। सरकार की तरफ से किसानों को इस योजना में समय से पहले लोन चुकाने पर 3% की अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी दी जाती है।

इसका मतलब यह है कि यदि किसान समय से पहले लोन की अदायगी करता है, तो उसे मूल 7% ब्याज दर के बजाय 4% ब्याज दर पर लोन का भुगतान करना होगा। यह सुविधा किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए दी जाती है ताकि वे जल्द से जल्द लोन चुकाकर आगे की योजनाओं का लाभ उठा सकें।

यह सब्सिडी सीधे किसान के बैंक खाते में जमा की जाती है और इससे किसान की कुल लोन अदायगी का भार कम हो जाता है।


इस योजना के तहत आवेदन करना बेहद आसान है। किसान राष्ट्रीय ई-रिपॉजिटरी लिमिटेड (NERL) या केंद्रीय ई-रिपॉजिटरी लिमिटेड (CCRL) पर पंजीकृत होना चाहिए। आवेदन करने के लिए उन्हीं मोबाइल नंबर का उपयोग करना आवश्यक है, जो रिपॉजिटरी में पंजीकृत हैं।

  • आधिकारिक पोर्टल पर जाएं और अपनी जानकारी भरें।
  • योजना से संबंधित फार्म डाउनलोड करें।
  • फार्म को सही ढंग से भरें और आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ जमा करें।
  • आपकी आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आपको लोन की मंजूरी के बारे में सूचित किया जाएगा।

  • आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान पत्र
  • बैंक खाता पासबुक की प्रति
  • राशन कार्ड या निवास प्रमाण पत्र
  • मोबाइल नंबर, जो NERL या CCRL में पंजीकृत हो
  • कृषि भूमि के दस्तावेज़

  1. इस योजना का लाभ केवल मध्यवर्गीय किसान उठा सकते हैं।
  2. किसान की भूमि पंजीकृत होनी चाहिए और वह NERL या CCRL में पंजीकृत होना चाहिए।
  3. किसान की फसल ई-एनडब्ल्यूआर द्वारा प्रमाणित होनी चाहिए।

उपज का मूल्यांकन ई-किसान उपज निधि योजना के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसे कुछ तयशुदा मानकों के आधार पर किया जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि किसान की उपज के सही मूल्य का आकलन हो, ताकि उसे सही समय पर उचित लोन मिल सके।

उपज का मूल्यांकन संबंधित सरकारी या प्राइवेट वेयरहाउस अथवा गोदाम द्वारा किया जाता है, जो राष्ट्रीय ई-रिपॉजिटरी लिमिटेड (NERL) और केंद्रीय ई-रिपॉजिटरी लिमिटेड (CCRL) से मान्यता प्राप्त होते हैं। ये वेयरहाउस ई-एनडब्ल्यूआर (इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसिप्ट) जारी करते हैं, जिसमें किसान की उपज का विवरण और उसकी गुणवत्ता के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।

उपज का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया कुछ प्रमुख बिंदुओं पर आधारित होती है, जिनमें शामिल हैं:

  • गुणवत्ता परीक्षण (Quality Testing):
    उपज की गुणवत्ता की जांच करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग किया जाता है। इसके अंतर्गत उपज की नमी, स्वच्छता, और रोग-प्रतिरोधक क्षमता की जांच की जाती है।
  • मात्रा (Quantity):
    वेयरहाउस में रखी गई उपज की कुल मात्रा का आकलन किया जाता है, ताकि सही लोन की गणना की जा सके।
  • बाजार मूल्य (Market Price):
    उपज के उस समय के बाजार मूल्य के आधार पर उसका कुल मूल्य निर्धारित किया जाता है। यह मूल्यांकन सरकारी बाजार मानकों या एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड्स द्वारा निर्धारित किया जाता है।
  • शेल्फ लाइफ (Shelf Life):
    उपज की शेल्फ लाइफ (संग्रहण की अवधि) के अनुसार मूल्यांकन किया जाता है, क्योंकि खराब होने वाली वस्तुओं का मूल्य कम होता है और उन्हें शीघ्र बेचने की आवश्यकता होती है।
  • उपज की मांग (Demand):
    जिस उपज की बाजार में अधिक मांग होती है, उसका मूल्य अधिक होता है। वेयरहाउस और बाजार विशेषज्ञ इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि उपज की मांग किस समय अधिक होगी।

इस प्रक्रिया से उपज का मूल्यांकन किया जाता है और उसी के आधार पर किसान को लोन प्रदान किया जाता है।

ई-किसान उपज निधि योजना के अंतर्गत किसानों को उनकी उपज के आधार पर लोन प्रदान किया जाता है। उपज के मूल्य का आकलन करने के बाद, किसान को उसकी उपज के 60% से 80% तक लोन मिल सकता है।

यह प्रतिशत उपज की गुणवत्ता, बाजार मूल्य, और शेल्फ लाइफ जैसी कारकों पर निर्भर करता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में, यदि उपज की गुणवत्ता और बाजार में उसकी मांग बहुत अच्छी हो, तो लोन का प्रतिशत अधिक हो सकता है, लेकिन सामान्यतः यह 60% से 80% के बीच ही होता है।

उपज का सही मूल्यांकन करने के बाद, लोन की राशि तय की जाती है और किसान को 7% ब्याज दर पर बिना गारंटी के यह लोन प्रदान किया जाता है।


  • बिना गारंटी के लोन: इस योजना के अंतर्गत किसानों को लोन के लिए किसी गारंटी की जरूरत नहीं होती है, जो कि छोटे और मध्यम किसानों के लिए बड़ा फायदा है।
  • मुफ्त गोदाम: किसानों को अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए मुफ्त में गोदाम सुविधा प्रदान की जाती है।
  • ब्याज़ दर में छूट: 7% की कम ब्याज़ दर के साथ लोन उपलब्ध होता है, जो किसानों की वित्तीय स्थिति को मजबूती प्रदान करता है।
  • आत्मनिर्भरता: इस योजना का प्रमुख उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे वे अपनी उपज को सही समय पर बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकें।

  • समयावधि सीमित: लोन की अदायगी की अवधि अधिकतम 12 महीने है, जो कुछ किसानों के लिए कम हो सकती है।
  • निर्धारित मोबाइल नंबर का उपयोग: आवेदन के लिए किसानों को केवल उसी मोबाइल नंबर का उपयोग करना होगा जो NERL या CCRL में पंजीकृत है, जो कुछ किसानों के लिए असुविधाजनक हो सकता है।
  • पात्रता सीमित: यह योजना केवल मध्यवर्गीय किसानों के लिए ही उपलब्ध है, जो कि छोटे किसानों के लिए एक सीमा हो सकती है।

E-Kisan Upaj Nidhi Yojana किसानों को आर्थिक सहायता और फसल भंडारण की सुविधा प्रदान कर उनके जीवन को बेहतर बनाने का काम करती है। इस योजना से किसान बिना किसी गारंटी के लोन प्राप्त कर सकते हैं और अपनी उपज को सही समय पर सही कीमत पर बेच सकते हैं।

हालांकि, कुछ सीमाओं के बावजूद, यह योजना किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी उपज को लंबे समय तक सुरक्षित रखना चाहते हैं।


E-Kisan Upaj Nidhi Yojana का लाभ उठाने के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और समय पर लोन की अदायगी कर सकते हैं ताकि उन्हें भविष्य में और भी योजनाओं का लाभ मिल सके।

E-Kisan Upaj Nidhi Yojana क्या है?

ई-किसान उपज निधि योजना सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसके तहत किसानों को बिना गारंटी के उनकी उपज के आधार पर लोन दिया जाता है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक मदद देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

E-Kisan Upaj Nidhi Yojana के तहत लोन के लिए ब्याज दर क्या है?

इस योजना के तहत किसानों को 7% ब्याज दर पर लोन प्रदान किया जाता है। अगर किसान समय से पहले लोन चुकाता है, तो उसे 3% ब्याज सब्सिडी भी मिलती है, जिससे प्रभावी ब्याज दर 4% हो जाती है।

E-Kisan Upaj Nidhi Yojana किसान कितना लोन प्राप्त कर सकता है?

किसानों को उनकी उपज के मूल्य का 60% से 80% तक लोन मिलता है, जो उपज की गुणवत्ता और बाजार मूल्य पर निर्भर करता है।

E-Kisan Upaj Nidhi Yojana लोन चुकाने की अवधि कितनी होती है?

लोन चुकाने की अधिकतम अवधि उपज की शेल्फ लाइफ या ई-एनडब्ल्यूआर (इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसिप्ट) की वैधता तिथि पर आधारित होती है। यह अवधि किसी भी स्थिति में 12 महीने से अधिक नहीं हो सकती है।

E-Kisan Upaj Nidhi Yojana लोन का आवेदन कैसे किया जा सकता है?

किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए उस मोबाइल नंबर का उपयोग करेंगे जो उनके नाम से राष्ट्रीय ई-रिपॉजिटरी लिमिटेड (NERL) या केंद्रीय ई-रिपॉजिटरी लिमिटेड (CCRL) में पंजीकृत हो।

E-Kisan Upaj Nidhi Yojana क्या लोन पर सब्सिडी मिलती है?

हाँ, यदि किसान समय से पहले लोन चुकाता है, तो उसे 3% की ब्याज सब्सिडी मिलती है, जिससे ब्याज दर घटकर 4% हो जाती है।

क्या E-Kisan Upaj Nidhi Yojana के तहत गोदाम की सुविधा भी मिलती है?

हाँ, इस योजना के तहत किसानों को सरकार की ओर से मुफ्त गोदाम की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है, जहां वे अपनी उपज को सुरक्षित रख सकते हैं।

ई-एनडब्ल्यूआर क्या है?

ई-एनडब्ल्यूआर यानी इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसिप्ट एक डिजिटल प्रमाणपत्र है, जो वेयरहाउस में रखी गई उपज के बदले जारी किया जाता है। इसके आधार पर किसान लोन प्राप्त कर सकते हैं।

क्या इस योजना का लाभ सभी किसानों को मिलता है?

इस योजना का लाभ वही किसान ले सकते हैं जिन्होंने अपनी उपज को मान्यता प्राप्त वेयरहाउस में सुरक्षित रखा हो और एनईआरएल या सीसीआरएल के अंतर्गत पंजीकृत हों।

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